भर
सम्राटों से परिचय
“The Nagbansis are regarded as genuine Rajputs”
– M.A. Sherring
एवं नि:क्षत्रिए लोके कृते तेन महात्मना .
उत्पादितान्यन्यपान्यानि ब्राह्माणौर्वेदपारगै:5
पाणिग्राहस्य तनय इति वेदेषु निश्चतम.
धर्म्म मनसि संस्थाप्य ब्राह्माणास्ता: संभययु:6
लोके प्याचरितो दुष्ट: क्षत्रियाणा पुनर्भव.
ततः पुनः समुदित क्षत्रम सममवत्तदा: 7
महाभारत
आदि पर्व अध्याय 104
उन महात्मा परशुराम के इस प्रकार पृथ्वी को नि:क्षत्रिय कर देने पार वेदज्ञाता
ब्राह्मणो ने फिर से क्षत्रिय बच्चो को
उत्पन्न किया। (5) वेदो मे यह निश्चित है की जो मनुष्य पाणिग्रहण करता है उसके
क्षेत्र मे उत्पन्न हुये संतान उसी की
होती है। क्षत्रिय विधवाओ ने इस धर्म को मन मे स्थिर कर ब्राह्मणो से संसर्ग किया।
(6) लोक मे क्षत्रियो की उत्पत्ति हुई और क्षत्रिय कुल चल निकला.7.
भर जाती का बलिदान अमर है। वह देश के लिए था। देश
की रक्षा मे अगणित बलिदान चढ़ाने वाली जातियो मे भर प्रथम थे। इस जातो को प्रथम
राजनैतिक पीड़ित कहना उचित होगा। अब भी बहराइच जिले मे घाघरा नहीं के किनारे
चहलारि इलाके मे तथा गोंडा जिले मे
मानिकपुर के पास भरो की थोड़ी बहुत आबादी पायी जाती है। परन्तु वे निम्न श्रेणी मे
माने जाते है। आर्थिक व सामाजिक दशा उनकी बहुत पिछड़ी है। राज्य की ओर से उनको उसी
प्रकार संरक्षण और गौरव मिलना चाहिये जैसे राजस्थान के लोहारो के कबीलो को मिलता
था। उनके पूर्वजों ने चित्तौड़ के किले को विजय न करने तक घर मे न जाने की शपथ ली
थी और उठाईगीर अवस्था मे भ्रमणशील जाती बन गयी।–(बहराइच जनपद का खोजपूर्ण इतिहास
लेखक कन्हैयालाल श्रीवास्तव पृष्ट 62{प्रकाशक-
गायत्री शोध संस्थान ऋषि भूमि रिसिया जनपद
बहराइच, द्वितीय संस्करण})
भर जाती के सम्राटों का क्रमबद्ध इतिहास खोजना अति
कष्ट साध्य कार्य है। जब कही पार किसी सम्राट का इतिहास प्राप्त भी होता है तो उसकी संतति का कोई इतिहास नहीं
मिलता। अतः वंशावली का क्रम टूटा हुआ प्राप्त होता है। भर सम्राटों का इतिहास धागो
की एक ऐसी रील है जिसमे एक छोर धागे को पकड़कर खींचा जाये तो कुछ ही दूरी पार उस
धागे का दूसरा छोर आ ही जाता है। उस छोर के समाप्त होने पार रील मे अन्य धागे का
पहला छोर खोजना पड़ता है जब कोई छोर मिल जाता है तो कुछ दूर चलने पार वह भी समाप्त
हो जाता है और तब रील मे अन्य धागे के छोर को तलासना पड़ता है।
श्रावस्ती के राजा सुहेलदेव, पुरनमल, गोंडा के राजा मानिक, मिर्जापुर के राजा
कर्ण, हरदोई के राजा हरदेव, डलमऊ के
राजा डलदेव, कौशांबी के राजा लिली और जौपुर के राजा कारुवीर, का वर्णन “नागभारशिव का इतिहास” मे दिया जा चुका है यहा पार अन्य भर राजाओ
का वर्णन प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर किया जाएगा।
भर/राजभर
साम्राज्य पुस्तक से लिया गया
देखे- पृष्ट संख्या – 110
लेखक श्री मग्गूराम बंगल राजभर
{राजभर रत्न}
(Mr. M.B. RAJBHAR)
देखे- पृष्ट संख्या – 110
लेखक श्री मग्गूराम बंगल राजभर
{राजभर रत्न}
(Mr. M.B. RAJBHAR)
Bharadwaj Brahman Hai Ya Phir Nahi
ReplyDeleteKis Jati Me Aate Hai
ReplyDeleteKis Jati Me Aate Hai
ReplyDelete[05/08, 08:01] Dr Pancham Rajbhar: महोदय ,
ReplyDeleteकृपया मेरे द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी को आई जी आर एस पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकृत शिकायत सं PMOPG/E/2018/0454746 एवं PMOPG/E/2019/706505 के सम्बन्ध में आपके कार्यालय प्रतिउत्तर दिनाँक 19/02/2020 -श्री डी एन डिमरी जी ,निदेशक ,मोन्यूमेंट ए एस आई का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें ,जिसके संबंध में आप महोदय द्वारा सूचित किया गया है कि सन्दर्भित प्रकरण जनपद बलिया के रसड़ा में स्थित भारशिव नागवंशी भर कुलगौरव सम्राट महा राजा महिपाल द्वारा कालान्तर में निर्मित लखनेश्वर डीह किले को भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा (सारनाथ परिमंडल वाराणसी द्वारा) सर्वेक्षणोपरांत टीम द्वारा की गयी अनुशंसा के अनुसार उसे विभागीय स्तर पर अधिग्रहित कर संरक्षित किये जाने के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्यालय द्वारा सुनिश्चित फार्मेट को भर कर मुख्यालय को सम्प्रेषित किये जाने हेतु संबंधित जोनल ऑफिस अर्थात सारनाथ वाराणसी को समुचित कार्यवाही किये जाने के आदेश दिए गए हैं ! जो अभी तक बिलम्बित है !
अतः आपसे प्रबल अनुरोध है कि राष्ट्रीय धरोहर को संरक्षित किये जाने हेतु जनभावनाओं का समादर करते हुए लोकहित में दिनाँक 19 फरवरी 2020 के निर्देश के क्रम में अद्यतन विभागीय स्तर पर की गई कार्यवाही से मुझे भी अवगत कराने की महती कृपा करें ! जिससे कि समाज राष्ट्र के प्रति प्रेरित हो सके !
सम्मान सहित
भवदीय
डॉ पंचम राजभर
(Dr Pancham Rajbhar)
Ex-National General Secretary_Akhil Bhartiya Rajbhar Sangthan+
National Convenor_Natiion DNT Forum+
ex.National Vice President _All India Denotified Nomadic Tribes Welfare Sangh +
Principal General Secretary _Vimukt Ghumantu Janjati Vikas Parishad U P(All India) +
Ex Editor _Suheldev Smriti (Monthly Magzine)+
Ex Public Relation Officer _Former Education Minister Uttar Pradesh Government +
[05/08, 08:17] Dr Pancham Rajbhar: ,
[05/08, 14:24] Dr Pancham Rajbhar: ,
ReplyDelete[06/08, 00:20] Dr Pancham Rajbhar: *भारत सरकार*
Government of India
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय
Ministry of Personnel, Public Grievances & Pension
Grievance Status for registration number : *PMOPG/E/2020/0712909*
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
*डॉ पंचम राजभर*
Date of Receipt
05/08/2020
Received By Ministry/Department
Prime Ministers Office
Grievance Description
महत्वपूर्ण/तत्काल - प्रतिष्ठामें,
माननीय संस्कृति मंत्री जी
भारत सरकार नई दिल्ली सन्दर्भ - --संस्कृति विभाग/पुरातत्व विभाग - -- विषय - भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा ऐतिहासिक/सांस्कृतिक भग्नावशेष को सरकारी संरक्षण में लिए जाने के सम्बंध में
महोदय,
आप अवगत ही हैं कि भारतीय संस्कृति सभ्यता के ऐतिहासिक साक्ष्यों यथा किला कोट,खण्डहर, के भग्नावशेष को सुरक्षित सुव्यवस्थित रखकर आमजनमानस के स्मृति में राजकीय संरक्षण प्रदान किये जाने की बहुप्रचलित वैधानिक कार्य सुनिश्चित है जो कि अत्यंत सराहनीय है उक्त के क्रम में सादर आपके संज्ञान में अवगत कराना है कि जनपद *अम्बेडकरनगर* के तहसील सदर एवं नगर पालिका अम्बेडकर नगर के वार्ड सं 19 सुझौली के अधीनस्थ *लोरपुर अठखम्भा* जो कि एक प्राचीन ऐतिहासिक, सांस्कृतिक धरोहर है जिसका वर्णन तत्कालीन भारशिव नागवंशी सुझावल के भर समुदाय के शासक द्वारा निर्मित होने का उल्लेख यूनाइटेड प्रविन्सेज ऑफ अवध के प्रामाणिक गजेटियर वॉल्यूम 3 N to Z में वर्णित है तथा वर्तमान में उक्त अष्ट खंभों का ऐतिहासिक अलौकिक साक्ष्य में से कुछ खम्भे पूरी तरह टूटकर गिरने के कगार पर है जो कि स्थानीय लोगों एवं भारशिव नागवंश बंशजों के प्राचीन काल से सुसभ्य संस्कृति, सभ्यता आस्था,विश्वास शोध का केंद्र है इतना ही नहीं स्थानीय लोगों ने शासन प्रशासन से उक्त अठ खंभें के *अवशेष को पुनर्मरम्मत कर बचाये जाने* का काफी प्रयास किया गया लेकिन सरकार द्वारा अभी तक कोई भी समुचित कार्यवाही नहीं हुई जिससे लोगों निराशा की भावना बलवती हो रही है
अतः आपसे प्रबल अनुरोध है कि वर्णित परिस्थितियों में जनभावनाओं का समादर करते हुए *भारतीय पुरातत्व विभाग सारनाथ वाराणसी सर्किल* द्वारा उक्त जीर्ण शीर्ण अवस्था मे पड़े टूटे हुए सामग्री की पुनर्मरम्मत कर जीर्णोद्धार करते हुए सुरक्षित,सुव्यवस्थित संरक्षित रखे जाने हेतु सक्षम प्राधिकारी को निर्दर्शित कर वस्तुस्थिति से मुझे भी अवगत कराने की कृपा करें !
सम्मान सहित
भवदीय
डॉ पंचम राजभर
Ex- सम्पादक -सुहेलदेव स्मृति (मा प) पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ,अखिल भारतीय राजभर संगठन -- आवास- कुरथुवा ,सोनहरा आज़मगढ़ उ प्र 276301 मो 9452292260/9889506050 drprajbhar1962@gmail.com
Current Status
Grievance Received
Date of Action
*05/08/2020*
Officer Concerns To
*Forwarded to*
*Prime Ministers Office*
Officer Name
Shri Ambuj Sharma
Officer Designation
Under Secretary (Public)
Contact Address
Public Wing 5th Floor, Rail Bhawan New Delhi
Email Address
ambuj.sharma38@nic.in
Contact Number
011-23386447
[05/08, 14:24] Dr Pancham Rajbhar: ,
ReplyDelete[06/08, 00:20] Dr Pancham Rajbhar: *भारत सरकार*
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Ministry of Personnel, Public Grievances & Pension
Grievance Status for registration number : *PMOPG/E/2020/0712909*
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
*डॉ पंचम राजभर*
Date of Receipt
05/08/2020
Received By Ministry/Department
Prime Ministers Office
Grievance Description
महत्वपूर्ण/तत्काल - प्रतिष्ठामें,
माननीय संस्कृति मंत्री जी
भारत सरकार नई दिल्ली सन्दर्भ - --संस्कृति विभाग/पुरातत्व विभाग - -- विषय - भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा ऐतिहासिक/सांस्कृतिक भग्नावशेष को सरकारी संरक्षण में लिए जाने के सम्बंध में
महोदय,
आप अवगत ही हैं कि भारतीय संस्कृति सभ्यता के ऐतिहासिक साक्ष्यों यथा किला कोट,खण्डहर, के भग्नावशेष को सुरक्षित सुव्यवस्थित रखकर आमजनमानस के स्मृति में राजकीय संरक्षण प्रदान किये जाने की बहुप्रचलित वैधानिक कार्य सुनिश्चित है जो कि अत्यंत सराहनीय है उक्त के क्रम में सादर आपके संज्ञान में अवगत कराना है कि जनपद *अम्बेडकरनगर* के तहसील सदर एवं नगर पालिका अम्बेडकर नगर के वार्ड सं 19 सुझौली के अधीनस्थ *लोरपुर अठखम्भा* जो कि एक प्राचीन ऐतिहासिक, सांस्कृतिक धरोहर है जिसका वर्णन तत्कालीन भारशिव नागवंशी सुझावल के भर समुदाय के शासक द्वारा निर्मित होने का उल्लेख यूनाइटेड प्रविन्सेज ऑफ अवध के प्रामाणिक गजेटियर वॉल्यूम 3 N to Z में वर्णित है तथा वर्तमान में उक्त अष्ट खंभों का ऐतिहासिक अलौकिक साक्ष्य में से कुछ खम्भे पूरी तरह टूटकर गिरने के कगार पर है जो कि स्थानीय लोगों एवं भारशिव नागवंश बंशजों के प्राचीन काल से सुसभ्य संस्कृति, सभ्यता आस्था,विश्वास शोध का केंद्र है इतना ही नहीं स्थानीय लोगों ने शासन प्रशासन से उक्त अठ खंभें के *अवशेष को पुनर्मरम्मत कर बचाये जाने* का काफी प्रयास किया गया लेकिन सरकार द्वारा अभी तक कोई भी समुचित कार्यवाही नहीं हुई जिससे लोगों निराशा की भावना बलवती हो रही है
अतः आपसे प्रबल अनुरोध है कि वर्णित परिस्थितियों में जनभावनाओं का समादर करते हुए *भारतीय पुरातत्व विभाग सारनाथ वाराणसी सर्किल* द्वारा उक्त जीर्ण शीर्ण अवस्था मे पड़े टूटे हुए सामग्री की पुनर्मरम्मत कर जीर्णोद्धार करते हुए सुरक्षित,सुव्यवस्थित संरक्षित रखे जाने हेतु सक्षम प्राधिकारी को निर्दर्शित कर वस्तुस्थिति से मुझे भी अवगत कराने की कृपा करें !
सम्मान सहित
भवदीय
डॉ पंचम राजभर
Ex- सम्पादक -सुहेलदेव स्मृति (मा प) पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ,अखिल भारतीय राजभर संगठन -- आवास- कुरथुवा ,सोनहरा आज़मगढ़ उ प्र 276301 मो 9452292260/9889506050 drprajbhar1962@gmail.com
Current Status
Grievance Received
Date of Action
*05/08/2020*
Officer Concerns To
*Forwarded to*
*Prime Ministers Office*
Officer Name
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Officer Designation
Under Secretary (Public)
Contact Address
Public Wing 5th Floor, Rail Bhawan New Delhi
Email Address
ambuj.sharma38@nic.in
Contact Number
011-23386447
[22/07, 07:02] Dr Pancham Rajbhar: [21/07, 22:28] Dr Pancham Rajbhar: *भारत सरकार*
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कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय
Ministry of Personnel, Public Grievances & Pensions
Grievance Status for registration number : *PMOPG/E/2019/0068812*
Grievance Concerns To
Name Of Complainant
*Pancham Rajbhar*
Date of Receipt
*04/02/2019*
Received By Ministry/Department
*Prime Ministers Office*
Grievance Description
सेवामें,
माननीय प्रधानमंत्री जी
भारत सरकार
नई दिल्ली
सन्दर्भ:-संस्कृति/पुरातत्व विभाग
विषय :-संस्कृति विभाग द्वारा सरकारी तौर पर भर कुलगौरव श्रावस्ती सम्राट राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव राजभर की अश्वारोही आदमकद प्रतिमा स्थापित किये जाने के सम्बंध में :
महोदय,
आप अवगत ही हैं कि देश की एकता अखंडता एवं संस्कृति ,सभ्यता की रक्षा करने वाले उन तमाम राष्ट्र के धरोहर वीर अमर सपूतों/महापुरुषों की चिरकालीन तक स्मृति में सरकार द्वारा उनकी सार्वजनिक ऐतिहासिक स्थलों पर आदमकद स्थापित कर लोगों को राष्ट्रप्रेम के प्रति समर्पित होने की प्रेरणा दी जाती है जोकि अत्यन्त सराहनीय एवं अनुकरणीय है !
उक्त के संबंध में सादर आपका ध्यान 11 वी सदी के राष्ट्रनायक तत्कालीन श्रावस्ती के सम्राट भर समाज के कुलभूषण महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की तरफ आकृष्ट कराना चाहता हूँ कि जिनकी जन्मस्थली/कर्मस्थली श्रावस्ती/बहराइच में रही है जो वर्तमान में उ प्र का जनपद श्रावस्ती में सहेठ महेठ एवं जनपद बहराइच में चितौरा ,कुटला नदी/झील के रूप में प्रसिद्ध है जहां पर उन्होंने अपनी *विशेष युद्धनीति* और पराक्रम के साथ तत्समय का विदेशी आक्रांता कट्टर धर्मांध, आतंक का पर्याय *सैयद सलार मसऊद ग़ाज़ी मिया* का लाखों सैनिकों सहित वध किया था ऐसे परमवीर राष्ट्रभक्त की ऐसी ख्याति के अनुसार देश विदेश के तमाम पर्यटक दार्शनिक व उनके अनुयायी प्रतिदिन वहां पर आते जाते है परंतु दर्शनार्थ/अवलोकनार्थ वहां पर कोई महाराजा की विशेष मूर्ति /प्रतिमा न होने से लोगों में निराशा की भावना बलवती होती है ऐसी परिस्थिति में उक्त दोनों स्थलों सहेठ -महेठ एवं चितौरा में महाराजा की अश्वारोही आदमकद प्रतिमा स्थापित किया जाना नितान्त आवश्यक है !
अतः आपसे अनुरोध है कि जनभावनाओं का समादर करते हुए उक्त स्थलों पर सरकारी स्तर से राजभर कुलशिरोमणि महाराजा सुहेलदेव राजभर जी की एक आदमकद प्रतिमा स्थापित कर स्थल का सुंदरीकरण कराये जाने का तत्सम्बधित को निर्देशित करने की कृपा करें !
आभारी रहूँगा कि कृत कार्यवाही से मुझे भी अवगत कराने की कृपा करेगें !
सादर ,. सम्मान सहित
भवदीय
डॉ पंचम राजभर
पूर्व -राष्ट्रीय महासचिव ,
अखिल भारतीय राजभर संगठन
आवास :- कुरथुवा ,सोनहरा जनपद आज़मगढ़ उ प्र 276301
9889506050
9452292260
drprajbhar1962@gmail, com
Current Status
Case closed
Date of Action
12/07/2019 --- भारतीय पुरातत्व विभाग लखनऊ सर्किल के अधीक्षक द्वारा प्रतिउत्तर -
*Remarks* 👇👇👇
*अवगत कराना है कि मूर्तियाँ स्थापित करने का कार्य इस कार्यालय द्वारा नहीं किया जाता* 👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻 फीडबैक -- महोदय, प्रकरण संस्कृति विभाग के शासन/निदेशालय स्तर से मूर्ति निर्माण की स्वीकृति व अधिष्ठापित होना चाहिए न कि आर्कियोलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा ,कृपया मामले को पुनर्जीवित करते हुए संस्कृति विभाग द्वारा कार्य कराया जाना सुनिश्चित करने का कष्ट करें ! 🙏डॉ पंचम राजभर ---🙏
Officer Concerns To
Officer Name
*Shri Indu Prakash*
Officer Designation
*Superintending Archaeologist*
Contact Address
O/o the *Superintending* *Archaeologist, ASI, Hall No.1,9th Floor, CGO Complex, Aliganj, Lucknow.*
Email Address
*circlelucknow.asi@gov.in*
Contact Number
05222745904
[22/07, 06:47] Dr Pancham Rajbhar: ,
[19/08, 13:49] Dr Pancham Rajbhar: ,
Jai Suheldev Rajbhar
ReplyDeleteजय सुहेलदेव राजभर
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